देश का भौगौलिक केन्द्र बिंदु
करौंदी में देश का भौगौलिक केन्द्रबिंदु –
भौगोलिक दृष्टि से कटनी जिले की ढीमरखेड़ा तहसील का करौंदी गांव का अपना महत्व है। करीब 200 की आबादी वाले गांव को भारत का भौगोलिक केंद्र बिंदु माना जाता है। भारत के आठ राज्यों से गुजरने वाली कर्क रेखा इस गांव से गुजरती है। विंध्याचल पर्वत शृंखला की पहाड़ियों में बसे इस गांव को इसी खासियत की वजह से देश का दिल भी कहते हैं। इस स्थान के विकास को लेकर टूरिस्ट मेगा सर्किट में भी शामिल किया गया है। इंजीनियरिंग कॉलेज जबलपुर के संस्थापक प्राचार्य एसपी चक्रवर्ती की अगुवाई में 1956 में इस स्थान की खोज छात्रों ने की थी और उसके बाद इसे भौगोलिक रूप से देश के केंद्र बिंदु के रूप में स्थान मिला। वर्ष 1987 में तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व. श्री चंद्रशेखर करौंदी पहुंचे और उसी साल यहां एक स्मारक बनना शुरू हुआ, जिसका निर्माण उसी वर्ष पूरा हुआ। इस जगह के महत्व को देखते हुए महर्षि महेश योगी ने 1995 को यहां से कुछ दूरी पर महर्षि विश्वविद्यालय की स्थापना की। यहां पर देशभर से वेदों का अध्ययन करने छात्र आते हैं।