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बांधा इमलाज मंदिर

श्रेणी ऐतिहासिक, धार्मिक

शानदार नक्काशी का नमूना बांधा इमलाज मंदिर –
शानदार नक्काशी और पुरातन कलाकृति का नमूना जिले की रीठी तहसील का बांधा इमलाज राधा कृष्ण मंदिर लोगों की आस्था का केन्द्र है। लगभग 85 वर्ष पुराने मंदिर की नींव से लेकर गुम्बद तक के निर्माण में मात्र 15 हजार रुपए और 11 साल तक मालगुजारी में मिलने वाले अनाज का खर्चा आया था। बुजुर्ग बताते हैं कि मंदिर के निर्माण के दो वर्ष बाद सात दिनों तक जिले में लगातार बारिश का दौर चला था और उस दौरान कान्हा की मुरली की धुन लोगों को तीन दिन तक सुनने को मिली थी। तभी से चमत्कारिक मंदिर क्षेत्र को लोग लघु वृंदावन के नाम से पुकारते हैं। गांव के मालगुजार पं. गोरेलाल पाठक ने मंदिर की आधार शिला रखी थी लेकिन अल्प आयु में ही उनकी मृत्यु हो गई। जिसके बाद उनकी पत्नी भगौता देवी व पूना देवी ने उनके संकल्प को आगे बढ़ाने का काम किया। वर्ष 1924 में मंदिर का निर्माण पूरा हुआ था और मंदिर के निर्माण को लेकर कई कथाएं प्रचलित हैं। मंदिर में सालभर लोग पहुंचते हैं लेकिन जन्माष्टमी पर दूर-दूर से लोग दर्शन व मंदिर की सजावट देखने पहुंचते हैं।

फोटो गैलरी

  • बांधा इमलाज राधा कृष्ण मंदिर
  • बांधा इमलाज राधा कृष्ण मंदिर
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